Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Neeraj pal

Inspirational

5.0  

Neeraj pal

Inspirational

सेवा

सेवा

1 min
886


सेवा से बढ़कर इस जग में, ऐसा कोई पुरुषार्थ नहीं।

नि:स्वार्थ भाव से जो इसको करता, उससे बड़ा धर्मार्थ नहीं।।


उपकार सदा होता है इससे, ईश्वर का मिलता वरदान।

स्वत: कष्टों से मिलती मुक्ति, मन में होता हर्ष महान।।


दान-पुण्य से कुछ नहीं घटता, करके देखो कुछ अच्छा काम।

ईश्वर के तुम प्रिय बनोगे, होगा तुम्हारा जग में नाम।।


भूखों को जो अन्न खिलाता, वस्त्र दान कर शीत मिटाता।

तुष्टि रूप सुख तू पाएगा, जो तृप्ति का आनंद कराता।।


जो भी दिया है तुझको उसने, अमानत वह किसी और की जान।

आंख बंद कर तू उसे लुटा दे, "नीरज" सेवा ही तेरी शान।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational