STORYMIRROR

J P Raghuwanshi

Inspirational

3  

J P Raghuwanshi

Inspirational

"सेवा"

"सेवा"

1 min
293


सेवा दुनिया में सबसे बड़ा पुरूषार्थ है

दूना पुण्य मिलता, यदि होती नि: स्वार्थ है।

दूसरों का दिल दुखाना पाप है

बदले में मिलता हमें संताप है।

बन सके तो हमेशा उपकार करो

जो भाग्य में है, उसे स्वीकार करो।

ईश्वर कृपा का हमेशा अहसास करो

बनोगे सबके प्रिय, दिलों पर राज्य करो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational