STORYMIRROR

सच की गवाही ( Based on Aarushi murder case)

सच की गवाही ( Based on Aarushi murder case)

2 mins
27.6K


 

चली जाऊँगी इस दुनिया से
पर जो कहना है वो कहने दो
निर्दोष कर सके साबित जो उनको
बस वो एक गवाही देने दो

गर्दन क्या काट सकेंगे मेरी 
थप्पड़ भी मार नहीं सके जो
एक आह से डरते थे जो मेरी
जान नहीं ले सकते वो

मन में बसती हूँ मैं उनके
दिल चीर कहो दिखला दें वो
ये कलंक न डालो उनके सर
मुझे खोने का दुख काफ़ी है सहने को

क्या-क्या बातें करते हैं लोग
लेकर मेरे भी चरित्र को
वजूद नहीं जिन बातों का
इंसाफ का आधार वो कैसे हों

जो जैसा है वैसा दिख जाये
धूल आइने से मुझे मिटाने दो
जिस ताले में दफ़्न हैं राज़ कई
उसे मुझको ही खोल के आने दो

उस रात जिन्होंने दुष्कर्म किया
आज़ाद घूम रहे हैं वो
पीड़ित को ही मुजरिम बना दिया
कलयुग का न्याय ज़रा देखो

दाग़ जो दामन पर हैं उनके
उनको आज मुझे ही धोने दो
कठघरे में आने दो मुझको
सच को बेपर्दा होने दो

बस एक काम कर दे कोई
जब आऊँ मैं गवाही देने को
इस बार कानून की देवी की
आँखों को खुला ही रहने दो

देख सके जो वो करुणा
नैनों में मेरे भरी है जो
तराज़ू में जब मेरे माँ-बाप को रखे
तो प्यार का पलड़ा भारी हो

गिरे उसी की गर्दन पे
हक़दार है उस तलवार का जो
सज़ा दिलवाये असल क़ातिल को
बस वो एक गवाही देने दो
बस वो एक गवाही देने दो ।।                       

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational