सबसे न्यारा भारत देश
सबसे न्यारा भारत देश
मेरा प्यारा सबसे न्यारा मेरा भारत देश
कल- कल करके नदिया बहती
झर-झर करके झरने बहते
आँखों में बसते दृश्य मनोहर।
नित्य नये त्योहार मनाते
आलाप मधुर संगीत सुनाते
बच्चो के मन चहक -चहक है जाते
रसमयी गागर सब छलकाते।
सूर्य चन्द्र नक्षत्र और पशु-पक्षी भी
यहाँ पूजे जाते हैं।
खुश तुष्ट हो अतिथि जाते
गुणगान यहा का वे सुनाते कमी नहीं है।
पर्वत घाटो की गेंहू चना धान मक्का के
खेत खूब लहराते
फल फूलो के बाग बगीचे
इस धरती की शान है।
भरी हुई है प्रकृति संपदा
भारत में आपस में मेल बढ़ाती सी है
अनेक भाषाएँ वेशभूषा यह बात किसी
को पच नहीं पाती
इस देश की यही है थाती।
बारी-बारी मौसम है आते
रोज नये रंग बरसाते हैं
परिवारों का बंधन है मजबूत
यहाँ चट्टानों सा है जीवन सबका।
वीर शिवाजी औ लक्ष्मीबाई की
गाथाएँ सबको याद जवानी है
शहीद भगत और आजाद की
सरफरोशी की तमन्ना सबने ही समानी है।
वेद व्यास औ कृपाचार्य का
बुद्धि बल व्याप्त हुआ जगह में
गौतम बुद्ध महावीर से ऋषियो ने
अपने उपदेशों से लोगों में फूँका
ऐसा मन्त्र मनोहर
उमड़ी त्याग तप की भावना
भरत नाम से बना यह भारत देश
करते शत-शत तुम्हें प्रणाम।