"सैनिक "
"सैनिक "
जान न्यौछावर करते अपनी देश की खातिर, ना जाने सैनिक कितने हैं l
मर मिटते हैं देश की खातिर, पर मुँह से उफ़ नहीं वो करते हैं ll
देश को अपनी माँ वो समझ कर, जान उस पर अपनी छिड़कते हैं l
हर खतरे को अपने ऊपर लेकर, देश का मान मरते दम तक रखते हैं ll
सांसों की तनिक भी चिंता ना फिक्र वो करते हैं l
दुश्मन को धूल चटाने की खातिर, बस आगे ही आगे बड़ते जाते हैं ll
देश के हर कोने - कोने से ना जाने, माँओं के कितने ही लाल सेना में भर्ती होते हैं l
माँ के चरणों की लेकर धूल, देंगे देश पर कुर्बानी वादा ये उनसे करते हैं ll
माँ हँसते - हँसते अपने वीर जवानों को, आशीष उन्हें ये दिया करती हैं l
जाओ जवानों रहो सलामत, अपनी परवाह ना करना तुम,
देश हमेशा पहले रखना ,मेरी चिंता ना करना तुम ll
धन्य हैं वो वीर सैनिक नमन उन्हें हम कोटि कोटि करते हैं l
उन्हीं वीर जवानों की खातिर, हम सब देशवासी आज़ादी से सांसे लिया करते हैं ll