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Navya Agrawal

Inspirational

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Navya Agrawal

Inspirational

सैनिक का सपना

सैनिक का सपना

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सौगंध मुझे इस मिट्टी की,

हर हाल में देश बचाना है ।

रक्त बहे चाहे जिस्म से जितना,

दुश्मन को मार भगाना है ।।

बांध कफन को सिर पर अपने,

मौत से मुझे लड जाना है ।

अंजाम हो चाहे जो भी अपना,

अब सिर्फ तिरंगा लहराना है ।।

नहीं चाहिए वफ़ा किसी से,

वतन पे इश्क़ लुटाना है ।

फना हो जाऊँ कुर्बत में भले,

मर के भी वादा मुझे निभाना है ।।

थर थर कांपे रण में दुश्मन,

मुझे छक्के उनके छुड़ाना है ।

अपने शौर्य शक्ति का प्रदर्शन,

उस कायर को दिखलाना है ।।

उस दोषी को औकात दिखा,

उसे पैरो की धूल चटाना है ।

देश में बैठे गद्दारों को भी,

गद्दारी का सबक सिखाना है ।।

भारत मां का लाल हूं मैं,

सीना चीर मुझे दिखाना है ।

देखे जब कोई नजर उठा के,

उसे आंखों से धमकाना है ।।


तेरी अस्मिता बचाने खातिर,

खुद को दरबान बनाना है ।

तेरी रक्षा मे खड़ा हूं मां,

चाह अपना शीश कटाना है ।।

अपनी मां के अश्रु के बदले,

दुश्मन का खून बहाना है ।

नहीं रहे वजूद बुराई का,

दुनिया से उसे मिटाना है ।।

मां तेरे पूत की मौत का बदला,

वैरी की मौत से चुकाना है ।

उठे जो भी हाथ है तुझ पे,

जड़ से अब उन्हें उखाड़ना है ।।


तेरा वीर जवान हूं मां मैं,

मकसद बस तुझे रिझाना है ।

खाकर गोली अपनी छाती पर,

बस तिरंगे में लिपट जाना है ।।

जन्मदात्री से पहले मुझको,

मां तेरा कर्ज चुकाना है ।

अपने हिन्दुस्तान की खातिर,

मुझे वीरगति पा जाना है ।।

अपने हिम्मत और जज्बे का,

परिचय दुनिया से कराना है ।

अपने खून के हर कतरे में,

मां तुझे सलाम लिखाना है ।।


मां बाप और भाई बहिन को,

मुझे खुद पर नाज कराना है।

मेरी शहादत के पलो में भी,

मेरी विधवा को मुस्काना है ।।

सत्ता की कुर्सी पर बैठे इन,

नेताओं का गुरूर तोड़ना है ।

बेचने चले जो वतन को मेरे,

उन्हें देश से बाहर खदेड़ना है ।।

गोला, बारूद और गोलियां,

अब यही सब मेरा खिलौना है ।

तेरी गोद ही तेरे लाल का,

मां सुकून भरा बिछौना है ।।

तेरे चरणों में लगी धूल को,

मुझे अपने खून से धोना है ।

आंचल से तेरे लिपटकर मुझको,

तेरी धानी चुनर को ओढ़ना है ।।

थक जाऊं जब लड़कर मां,

तेरी गोद में सिर रख सोना है ।

तेरी आन बान और शान में मां,

मुझको भी शहीद अब होना है ।।


जय हिन्द जय भारत



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