सावन आता तो होगा
सावन आता तो होगा
तेरे वहां भी सावन आता तो होगा
कोई न कोई झूला झुलाता तो होगा
आकर नींद में बहुत तंग करता है जो
बिना सोये भी वो सपने दिखाता तो होगा
जिंदगी गुजर गई खुद को ढूंढने में बरसों
कोई एक लम्हा खुदा से मिलाता तो होगा
कब उठेगा मानसूून कब होगी बारिशेें
कोई ये भविष्यवाणी शहर में सुनाताा तो होगा
कितने मिले और मिलकर बिछड़ते जायेंगे
कोई होगा जो ये अहसास जताता तो होगा
कुछ आम से खास कुछ खास से आम हो गये
कोई आकर ये दास्तान वक्त की सुनाता तो होगा
ऐसे ही नहीं उड़ती धूल ऐसे ही नहीं उठते तूफान
कोई इस सृष्टि का हाथ थामे चलाता तो होगा।