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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

सावधानी अपनाएं-भयमुक्त हो जाएं

सावधानी अपनाएं-भयमुक्त हो जाएं

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कोरोना लहर का, नकारात्मक असर,

सावधानी पर ध्यान कम, रहे हैं बहुत डर।

तन और मन: शक्ति को, हम जागृत करें,

तज नकार भाव, हम नैरोग्य अर्जित करें।


बस्ती से दूर कुटिया में, एक रहते थे संत,

आत्मा से कर सकते थे, बातें वे तो तुरंत।

बस्ती को जाती मौत ने, किया था स्वीकार,

महामारी फैला के, मारेगी वह दस हजार।


वापसी में वचन तोड़ने की, जब पूछी थी बात,

तीस हजार मार क्यों, किए बेवफाई के हालात?

बोली मौत मैंने किया था, दस हजार पर ही असर,

शेष बीस हजार तो केवल, डर से ही गए थे मर।


सुख साधनों के नाम पर हैं लगाते ,गमों का अंबार,

प्रकृति का सानिध्य त्याग, कर रहे निज पैरों पर वार।

शारीरिक श्रम बचा बढ़ा लीं हैं, हमने अनेक बीमारी,

निर्भयता-आहार-विहार-दिनचर्या, हरे विपत्तियां सारी।


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