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SHWETA GUPTA

Abstract

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SHWETA GUPTA

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साथ हैं हम

साथ हैं हम

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कहने को साथ खड़े हैं, मगर क्या साथ हैं हम,

कहने को हमसफर बने, मगर क्या साथ हैं हम?


मेहनत हम भी हैं करते, क्यूँ भला हमवार नहीं,

बराबर हमको भी समझो, कहो हाँ, साथ हैं हम।


इतनी सदियों से, जो ख़्वाहिश थी दिल में दबी,

होने वाली हे वो पूरी, कहो हाँ, साथ हैं हम।


साथ होने में अब बस, इक शतक की दूरी है,

फिर हम शान से कहेंगे, हाँ, तेरे साथ हैं हम।


क्यूँ इस बात पर है, इतनी खुश तू ए- 'श्वेता',

जल्द सभी हालात कहेंगे, सच में साथ हैं हम।


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