STORYMIRROR

Gopal Agrawal

Comedy

4  

Gopal Agrawal

Comedy

सास बहू रिश्ते नहीं समझ पाए

सास बहू रिश्ते नहीं समझ पाए

1 min
268

सास बहू के रिश्ते नहीं समझ पाए फ़रिश्ते

कहने को यह नारी है,पर इनको लड़ने की बीमारी है


आज भी कई परिवारों में यह संग्राम बेखौफ जारी है

कहीं पर सास का तो कहीं पर बहू का पड़ला भारी है


इस लड़ाई का अंत नहीं कर पाएगें श्रीमान आप

क्योंकि इस लड़ाई में सामने आ जाते है बेटा व बाप


कहलाने को होते है ये लड़ रही नारियों के पति

सास बहू की लड़ाई में होती है बाप बेटों दुर्गती


रिश्तो के बंधन में बंधना भी इनकी लाचारी है

क्योंकि भगवान के घर सेे ही बनी यह रिश्तेदारी है


इस परेशानी को झेलती देश की अधिकतर नारी है

महिला अत्याचार में आज भी बहू सास पर भारी है!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy