सार
सार
ज़िन्दगी में हम उलझे रहते हैं
क्या हमने खोया क्या हमने पाया
क्या हमको भाया क्या हमने कमाया
जबकि देखना तो ये है
हमारा नाम किस किस के
चेहरे पर मुस्कान लाया
जो भी कमाया यहीं रह जाना है
बस स्मृतिओं को साथ जाना है
तो क्यों ना कमाएं
आशीष, खुशियां सम्मान और स्मृतियाँ।