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Sapna Tripathi

Romance

2.8  

Sapna Tripathi

Romance

पाती प्यार की

पाती प्यार की

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कहना चाहती हूँ बहुत कुछ 

और तुम्हें लिखा भी बहुत 


पर जाने क्यों तुम तक

पहुँचता ही नहीं 

चाहती हूँ छू लूं तुम्हारा मन 


तुम्हारी आँखों से तुम्हारे दिल तक 

पहुंचा सकूँ खुद को 


पर ज़रिया तो सपने हैं 

वो सपने जाने कहाँ सो जाते हैं 


तुमको लिखे सारे सन्देश  

रास्ते में कहीं खो जाते हैं।


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