STORYMIRROR

Sunil Yadav

Romance

2  

Sunil Yadav

Romance

सांसो के सहारे जी लेते

सांसो के सहारे जी लेते

1 min
13.9K


सांसों के सहारे हम तो जी लेते 

पर दिल की धड़कन में उसको कैसे पा लेते

उम्र की परछाईं उस पर जब पड़ी थी

तो इन सांसों को मुकद्दर समझ बैठे थे

मैं भरूं भी कितनी आंहे इन आँखों में

पर वो मेरे अश्कों को पलकों पर बांध लेता है

जी चाहता था उसको कुछ कह दू 

पर होंठों ने उसे कुछ कहना नहीं चाहा

मेरी बाहें उसके दिल के लिए खुली रही 

पर वो कभी इन बाहों में आयी ही नहीं 

वादे हजार किये थे उसने पर कभी निभाया नहीं

वक्त का मारा था बस बेबस ही मारा गया .

धड़कने मेरी धड़कती ही रही

उसके प्यार को पाने के लिए तड़पती रही

पर अनजान वो कभी मुड़कर मुझे देखा नहीं

हम भी दीवाने उसके लिए सारी उम्र ही काट दी..

शमा दिल का जल जल कर बुझ गया

चाँद तारों ने भी मुझ पर वफ़ा न किया 

हम थे बस उसके परवाने जो चाहते रहे

वरना क्या जरूरत थी उसके लिए उम्र काटने की 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance