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दिल को जो अच्छा लगे

दिल को जो अच्छा लगे

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दिल को जो अच्छा लगे

जो तेरे दिल को अच्छा लगे 

ऐसा किरदार पाये कहाँ

रास्ते खत्म तुम तबक मेरे 

ऐसे में बोलो जाए कहाँ

रास्ते खत्म

जो मिला वो समझ ना सका

जिसने समझा वो मिल ना सका

सबसे कहना भी बेकार है

हाल अपना सुनाये कहा

रास्ते खत्म

सूखे होंठो को कब से लिए

मैं नदिया ढूढ़ता फिर रहा

ये जमाना समुन्द्र - सा है 

प्यास अपनी बुझाए कहाँ

रास्ते खत्म

प्यार से कोई मिलता नही

कैसा दुनिया का दस्तूर है

आदमी जब खुदा बन गया

सर अपना फिर झुकाये कहाँ

रास्ते खत्म

 

बेरहम इस जमाने से हम 

और उम्मीद क्या करें

आपने प्यार इतना मुझको दिया

फिर कर्ज इसका चुकाए कहाँ


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