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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Tragedy Classics

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Tragedy Classics

साँझ पर सेदोको

साँझ पर सेदोको

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साँझ सजाती

प्रिय को घर लाती

ये माहौल बनाती


मन डोलता

दिली बात बोलता

प्रेम रस घोलता।


साँझ सुहानी

करती मनमानी

क्षणिका सजा मन

होती बेगानी


सूर्य छिपाये 

गोदी में ये अपनी 

दे प्रेम की थपनी।


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