सामना कर मेरे दिल
सामना कर मेरे दिल
दिल बात बात पर क्यों डर जाता है
बेवजह बिन बात के क्यों घबराता है
हिम्मत रखता नहीं है क्यों ये मन
कायर बन कर मैदान छोड़ना चाहता है
माना कि जीवन की राह मुश्किल है
और यहाँ कठिनाइयां पग-पग पर है
कांटे बिछे हुए हैं चहूँ ओर रास्तों पर
परीक्षाओं का सदैव दौर चला है
लेकिन नामुमकिन नहीं है, ऐसे हालातों से पार पाना
धैर्य, बुद्धि, हिम्मत और साहस से हमें है काम लेना
एक न एक दिन तो हम जीत ही जाएंगे
इन परिस्थितियों को पार कर मंजिल को पाएंगे।
