साजन
साजन


ये तो फकत एक बहाना है
साजन से मिलने जाना है।
झुठी बातें, झुठी कहानी
याद सताये, बेचैन जवानी।
कैसे रोकेंगी उस मन को,
जिसने तेरी एक न मानी।
जब मेरा दिल दिया है।
न एक पल सुकून पाया है।
ये रोग जिसने लगाया है,
दर्द की दवा लेने बुलाया है।
अब न मुझको रोको को
सच्ची बात मैंने बतलाई।
साजन बिन एक पल न सहूँ
मिलकर मीत को प्रीत निभाऊँ।