रुक ना तू , थक ना तू
रुक ना तू , थक ना तू
उड़ चल, बह चल
रुक ना तू, थक ना तू
डटा रह, रह अडिग तू
यह सफ़र जो तेरा है, बस तेरा है
हैं कठिनाईयाँ भी, हैं मुश्किलें भी
हैं रास्ते भी, हैं मंज़िलें भी
उड़ चल, बह चल
रुक ना तू, थक ना तू
डटा रह, रह अडिग तू
हमसफ़र जो ना तेरा
तो क्या फिकर
रब है सॅंग तेरे
उसकी तू बस कर कदर
रात को सन्नाटा जो तुझे डराये
अंधकार से जो तेरा मन घबराये
तो याद रख है निडर तू, है दृढ़ तू
डर ना तू, ना ही कर भय तू
डटा रह, रह अडिग तू
हालात जो तुझे सताये, वक़्त जो तुझे रुलाये
तू ही है जो उन्हे भगाये
सुनाके अपने निश्चया की गाथायेँ
क्या हुआ जो तू हुआ पराजित
क्या हुआ जो तू हुआ असफल
दिखा जज़्बा और दिखा हिम्मत
हो खड़ा और चला फिर से अपना हल
भूत मे जो ना डरा तू
भविष्या मे ना डरेगा तू
वर्तमान को ले अपनी मुठी मे
और उड़ चल, बह चल
रुक ना तू, थक ना तू
डटा रह, रह अडिग तू...