रंगोत्सव
रंगोत्सव
रंगों का ये त्योहार
पुनः आ गया अपने द्वार
गुप्त लिए संदेश अपार
आया रंगों का त्योहार
शक्ति लिए लाल चला
औ शुभता लेकर पीला
विलास लिए बैंगनी आया
भाग्य लिए है नीला
दृढ़ता हैं नारंगी में
अनुरक्ति हुयी गुलाबी
केसरिया में रची बसी है
बलिदानी परिपाटी
उत्साह ले बढ़ा जामुनी
श्वेत मधुरता ज्ञान
श्रद्धा सात्विकता की
गेरुआ बढ़ा रहा हैं शान
हास हरा हो, सृजन गुलाबी
साहस हो नारंगी
होली का संदेश यही
सब मिल बन जा सतरंगी
