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Sanjay Verma

Inspirational

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Sanjay Verma

Inspirational

रंगों से रंगी दुनिया

रंगों से रंगी दुनिया

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मैंने देखी ही नहीं 

रंगों से रंगी दुनिया को 

मेरी आँखें ही नहीं

ख्वाबों के रंग सजाने को।


कौन आएगा,

आँखों में समाएगा 

रंगों के रूप को जब दिखायेगा 

रंगों पे इठलाने वालों 

डगर मुझे दिखाओं जरा। 


चल सकूँ मैं भी अपने पग से

रोशनी मुझे दिलाओ जरा 

ये हकीकत है कि,

क्यों दुनिया है खफा मुझसे 

मैंने देखी ही नहीं।


याद आएगा, दिलों मे समाएगा 

मन के मीत को पास पायेगा

आँखों से देखने वालों 

नयन मुझे दिलों जरा 

देख सकूँ मैं भी भेदकर 

इन्द्रधनुष के तीर दिलाओ जरा।

 

ये हकीकत है कि

क्यों दुनिया है खफा मुझसे 

मैंने देखी ही नहीं।


जान जायेगा वो दिन आएगा 

आँखों से बोल के कोई समझाएगा 

रंगों से खेलने वालों 

रोशनी मुझे दिलाओं जरा 

देख सकूँ मैं भी खुशियों को

आँखों मे रोशनी दे जाओ जरा।


ये हकीकत है कि

क्यों दुनिया है खफा मुझसे 

मैंने देखी ही नहीं।


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