रंग बरसे.. मन तरसे..
रंग बरसे.. मन तरसे..
लाल, हरे, नीले,पीले
चहुं ओर रंग है सारे बिखरे।
पर सजना तेरे संग बिना,
रंग है सारे फीके।
कोई रंग ना ऐसा बालम,
जो मोहे रंग जाए।
सब रंगो से रंग कर भी,
मेरा रंग निखर ना पाए।
बस तू आए ...
मोहे अंग लगाए.....
तन मन मेरा रंग जाए।
रंग बिना ही मेरा
अंग अंग झूमा जाए।
तेरे प्रेम से सराबोर,
रोम रोम रंग जाए।

