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Neerja Pandey

Abstract

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Neerja Pandey

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आत्मनिर्भर

आत्मनिर्भर

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जश्न आज संविधान का अपने हम सब मना रहे,

प्रगति की राह में नए कदम बढ़ा रहे।


हर राह में विजय पताका हम लहरा रहे,

जीत का हम अपने जश्न मना रहे।


पास हमारे आज समृद्धि है खुशहाली है,

हमारी आत्मतिर्भरता के आगे दुनिया हारी है।


धरती से आसमान तक पंचम हमने लहराया,

चांद पर जाने का ख्वाब भी पूरा कर दिखाया।


मंत्र संयम का इस जहां को सिखलाया,

कोरोना से भी बाज़ी जीत दिखलाया।


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