रंग बिरंगी
रंग बिरंगी
आया आया रंगों का त्योहार आया।
लाया खुशियों का बौछार लाया
क्या बच्चे क्या बूढ़े सब पर मस्ती छाया
गुलाल गुजिया गुब्बारे क्या कहने
मस्ती मजाक भरा सबके दिल में
साल में एक बार ये दिन आता है।
जब हर कोई रंगों में रंग जाता है।
त्योहार कि इस मेले में सब अपने लगते हैं
जो मन के सच्चे है उनपे सब रंग जंचते हैं
और खिलते हैं
अपने लिए तो सब जीते है
उसमें क्या वाह वाही है
चलो किसी और को रंगों से रंगा कर खुश करते है
