हिंदी मेरी जान है ।
हिंदी मेरी जान है ।
मन में हिंदी, लब पे हिंदी, जन जन की आवाज़ हो हिंदी।
एक ही बस ये अरमान है।।
भाषा अनेक हो सबका सम्मान हो।
भाषा की पंखुड़ियों से मिल, हिंदी बना महान है।
दिनकर, पंथ, रसखान की है हिंदी , कवियों का सम्मान है हिंदी।
मुंशी, प्रेमचंद और कई को हिंदी पर अभिमान है।
सबके मधुर विचार है हिंदी, घर घर की पहचान है हिंदी।
जन जन की आवाज़ हो हिंदी, एक यही बस अरमान हो।
इंग्लिश मोह से बचना है, अपने संस्कार को बढ़ाना है
विश्व मंच पर आज हमें, हिंदी ध्वज फहराना है।
आज पूरा देश शान से हिंदी दिवस मना रहा है
भारत का कोना-कोना, हिंदी को गले लगा रहा है।
मन में, लब पे हो हिंदी, एक ही बस ये अरमान है,
एक ही बस ये अरमान है। ्