रंग-बिरंगी होली
रंग-बिरंगी होली
होली का पवित्र पर्व है आया,
नई उमंग और मस्ती लाया।
प्रतीक है ये सच्चाई का,
दूर भगाया निशान बुराई का।
बाल न बांका हो पाए,
जो प्रभु की रहमत पाए।
भक्त प्रह्लाद की रक्षा करके,
उल्लास से भर दिए हृदय सबके।
सारे रंग जग ने है सजाए,
पानी से भरे गुब्बारे फुलाए।
पकवान है बनते तरह- तरह के,
गुजिया, पापड़ इसकी शान है बनते।
क्रोध, ईष्या और बैर मिटाती,
रंग-बिरंगी जब ये होली आती।