शिक्षक -एक आदर्श
शिक्षक -एक आदर्श


शिक्षक ही है राष्ट्र निर्माता,
शिक्षक ही है भाग्य विधाता।
शिक्षा का वरदान है देकर,
हम सबको सम्पूर्ण बनाता।
ज्ञान कर्म का पाठ पढ़ाता,
सद्कर्मो का बोध कराता।
ज्ञान की ज्योति मन में जगाकर,
अँधकार को दूर भगाता।
जाति धर्म का भेद मिटाता,
धर्मनिरपेक्ष समाज बनाता।
अच्छाई की राह दिखाकर,
भ्रष्टाचार की जड़ें मिटाता।
नई-नई तकनीक सिखाकर,
देश की गरिमा है बढ़ाता।
शिक्षक समझे देश की माँग को,
इसलिए हीरे दिए समाज को।
ना भूलो शिक्षक का समर्पण,
जिसका जीवन है एक दर्पण।
जीवन जीना एक कला है,
बिना गुरू क्या सम्भव हुआ है।
निरंतर चलना ही जीवन है,
मिलेगी कामयाबी यही गुरू बताते ।
माता-पिता ने दिया है जन्म पर,
जीना तो गुरु ही सिखलाते।।