2020 क्या खोया क्या पाया
2020 क्या खोया क्या पाया
गया 2020 पर इसने हमें है बहुत कुछ सिखाया,
परिवार है हम सबकी ताकत, परिवार ही जन्नत, ये सबको बताया।
'स्वच्छता का अभियान' चलाकर,
'हाथ धोना बार- बार' बताकर, रोगों से हमें बचाया।
हर हाल में सकारात्मक होना सिखाया,
पर्यावरण को बचाना है सिखाया।
टूटा जब कोरोना का बुरा कहर,
भगवान है इस दुनिया में, यह जताया इस कदर।
सफाई- कर्मचारी को दिलाया मान-सम्मान,
सबक सिखाया हमको, ये भी हैं देश की एक शान।
एकता से परिचय कराया,
स्वार्थ को है दूर भगाया।
योगा, ध्यान की लहर को लाकर,
आलस्य को है दूर भगाया।
स्वच्छ वायु में करती चीं- चीं चिड़िया ने,
हम सबको बचपन है याद दिलाया।
दिखलाया डाक्टर होते हैं भगवान का रूप,
करते निःस्वार्थ भाव से सेवा बहुत खूब।
बतलाया कठोर दिखते जो पुलिस वाले,
वो अन्दर से हैं फूल से दिल वाले।
हसास दिलाया अनेकता में है एकता,
भेद-भाव मिटाकर, बना लो अच्छा सा एक रिश्ता।
सबका अहंकार है दूर भगाया,
धर्म- निरपेक्ष भाव है जगाया।
पुराने शौक जी उठे सबके,
धूल थी जिनमें वक़्त के अभाव में।
भारतीय संस्कृति को मिला बढ़ावा,
हाय, हैलो से नतमस्तक झुकाना।
परिवार हुए पहली बार एक साथ,
जो बिखरे हुए थे वक़्त के साथ।
2020 ने हमें है सिखालाया,
दिखावे से ज्यादा सादगी को है अपनाना।
बनावटी दुनिया से बाहर लाकर,
हम सबको प्रकृति से मिलवाया।
हम सबको अपने स्वयं से मिलवाया।।
