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Aditya Mehta

Romance Inspirational

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Aditya Mehta

Romance Inspirational

रियासत-ए-इश्क़

रियासत-ए-इश्क़

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चिनार के दरख़्तों तले छनती हर धूप रौशन तुम से है

वो बीती कहानी, कोहरा शहर... उड़ते मकाँ..

उन्हीं लबासों के लिहाफ़ में लिपटे हमारी तमाम मुक़द्दस ख़यालातें तुम से है ।


रोशनदान से छनती हुई सूरज की रौशनी जब सुस्त होगी

तो उसकी ख़ूबसूरती और सुनहरी होगी,

इन्हीं कहानियों में सराबोर वक़्त..धूप को समेटे बादलों में छुपा लेगी और फ़िर

आसमान पर जाफ़रानी रंग चढ़ता दिखाई देगा ।।


आज शेहर-ए-ख़ास... 

रियासत-ए-सरज़मीं मधेपूरा की बात होगी ।

शब्दों के हर अल्फ़ाज़-ए-ज़िक्र में मेरी आँखों का नूर तुम्हें खूबसूरती की ताज से नवाज़ेगी ।।


और अब जब सुर्ख़ शरबत को हाथ में लेकर तुम्हारे नाम के क़सीदे पढ़े जाएँगे...

तो यादों के ढेर से,

ग़म के तिनकों को आंसू 'विरह की धारा से दूर बहा ले जाएगी'...

ये मुहब्बत की कहानी आज सारे इम्तिहान लेगी,&nbs

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कदम भी लड़खड़ाएगी, और 8 साल के मुक़म्मल रिश्ते को फिर से आजमाएगी ।


तब, मैं रियासत-ए-मधेपुरा का नया सरप्रश्त था ।

पर इस रियासत का ताज अब भी उस पर है ।।


जब भी मैं इस शहर से गुजरता हूँ पता ही नहीं चलता की

इन मकानों को मैं देख रहा हूँ या वो मुझे ??

आज भी यहाँ की गलियों में ज़ायक़े बिखरे पड़े हैं,

और इन्हीं ज़ायक़ों के साए तले उठे मेरे तसव्वुर के घोड़े दौड़ने को बेलगाम हैं...

दीवारों पर लगे मटमैले धब्बे शायद वक्त की फफूँद ही है

जो 'मिलन' की आस में घुल कर रूह को तर करने को बेताब की जाएगी ।


ये जो तुम हो... मैं हूँ !

वक़्त वापस फिर कभी-कहाँ आएगी ।।


ख़ुशियों के इस शामियाने में आज दिल से दुआएं निकलेगी,

ठहाकों के शोर में लुक्मोन से गुफ़्तगू होगी ।

और वलीमे की इस गुफ़्तगू में आप सभी का ख़ैर-मक़्दम है !!



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