बन के हुक़ूमत में वो सब समझदार बैठे हैं बन के हुक़ूमत में वो सब समझदार बैठे हैं
प्यार था सौदा नहीं प्यार था सौदा नहीं
छोड़कर आना सारे रियासत, रिवायत तुम मुझे फिक्र नहीं इस जालिम ज़माने की। छोड़कर आना सारे रियासत, रिवायत तुम मुझे फिक्र नहीं इस जालिम ज़माने की।
पर हम सब मिल कर अपने वतन को एक मुकम्मल हिंदुस्तान करेंगें पर हम सब मिल कर अपने वतन को एक मुकम्मल हिंदुस्तान करेंगें
तब, मैं रियासत-ए-मधेपुरा का नया सरप्रश्त था । पर इस रियासत का ताज अब भी उस पर है ।। तब, मैं रियासत-ए-मधेपुरा का नया सरप्रश्त था । पर इस रियासत का ताज अब भी उस पर...
जिन खुशियों की तलाश में कीमती वक्त बिता दिया था, उन खुशियों को तो मैंने खामोशियों में जिन खुशियों की तलाश में कीमती वक्त बिता दिया था, उन खुशियों को तो मैंने खामोश...