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Manju Saraf

Romance

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Manju Saraf

Romance

रिश्तों की परिभाषा

रिश्तों की परिभाषा

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कुछ अनकहे रिश्ते यूँ ही बंध जाते हैं

एक अनजान प्रेम की डोर से।


विचार मिलने लगे हमारे,

हर बात तेरी, मेरी क्यूँ बन गई,

कहीं कोई गिला नहीं,


कहीं कोई अपेक्षा नहीं तुमसे,

बस जो है, सब अच्छा है,

मुलाकातें बढ़ गईं, खुशियां हैं अब अपार।


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