रेशम की डोरी
रेशम की डोरी
सावन के सोमवार पर
प्रभु से है यही प्रार्थना
करोना काल के चलते
नहीं भाई के घर है जाना ।
फोन व विडियोकाल से राखी बाँधना
भाई की लम्बी आयु की दुआ माँगना
प्यार से प्यार का रिश्ता निभाना ।
सभी भाई व बहनों को बधाइयाँ
खुश रहिए ,मुस्कुराइए
रेशम की डोरी प्रभु जी को पहनाइए।
एक काम आज और करते हैं
भैया , बहन को खत लिखते हैं...
फोन वाहट्सएप ने पाती लिखना छुड़वा दिया
चलो इस बार करें कुछ ऐसा
बहन भाई को,भाई बहन को प्यार भरी पाती लिखें
अपने भावों को व्यक्त करें
रेशम की डोरी बाँधते हुए जो भाव मन में उभरे
आओ उन्हें कागज पर उकेरें!
तुम जिओ हजारों साल
साल के दिन हों पचास हजार
हैप्पी रक्षाबंधन टू यू
हैप्पी रक्षाबंधन टू यू
प्रभु से है बस यही प्रार्थना
चिरंजीवी हो भैया यह मंगलकामना
गम की कोई परछाई न आए
खुशियाँ भैया के घर आँगन लबलबाएँ
ये पक्तियाँ हैं मेरी रोशम की डोरी
इन्हें कलाई के संग दिल में बाँध लेना
बहना है दूर, तुम दिल में समझना !