STORYMIRROR

Archana kochar Sugandha

Inspirational

4  

Archana kochar Sugandha

Inspirational

रावण ज्ञान

रावण ज्ञान

1 min
371


केवल एक रावण को जलाने से 

अंदर का रावण जलता नहीं 

जला दिया है जिसने मैं को 

वह कभी हाथ मलता नहीं। 


छोड़े नहीं थे जिसने 

किसी भी हाल में संस्कारी उसूल 

स:सम्मान जला कर 

मानव चुन लेता हैं उसी के फूल।


आज कोई भी रखना नहीं 

चाहता हैं रावण नाम

शेषनाग अवतार ने घुटनों के बल 

बैठ कर उसी से लिया था ज्ञान।


जिस बुराई के प्रतीक को जला कर 

किया जाता हैं व्याख्यान 

उसी के शिव तांडव स्त्रोत के जाप से 

जग का हो जाता हैं कल्याण।


जलने वाला भी रावण

जलाने वाला भी रावण

कैसे होगी बुराई पर

अच्छाई की जीत कायम।


जलने वाला तो था 

ज्ञानी, ध्यानी और विद्वान 

जलाने वाला हैं 

मानव के चोले की वेश में शैतान।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational