रात
रात
ज़िंदगी में कभी कभी रात आ जाती है
और वो हमारे उजाले खा जाती है
अंधेरों से दोस्ती करनी पड़ी है
रोशनी हम से नाराज हो जाती है ।
ज़िंदगी में कभी कभी रात आ जाती है
और वो हमारे उजाले खा जाती है
अंधेरों से दोस्ती करनी पड़ी है
रोशनी हम से नाराज हो जाती है ।