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besty besty

Abstract

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बारिश की महक

बारिश की महक

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काली घटाएं बरसने को तैयार है 

मेरा मन भीगने की उमंग जगा रहा है 


टप टप बूंदों से अपने चेहरे को भिगोकर 

मेरा मन अपनी प्यास बुझा रहा है 


कभी बिजली कड़कड़ा उठी तूफान सी 

मेरा मन अब मुझे डरा रहा है 


भागी भागी अंदर पहुंच गई 

मेरा मन कंपकपा रहा है 


चाय पकोड़े खाने को अब 

मेरा मन चाह रहा है।


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