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SNEHA NALAWADE

Classics

3  

SNEHA NALAWADE

Classics

रास्ते...

रास्ते...

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हर लोगो की बात कुछ खास होती है

हर लोगो का रिश्ते निभाने का

तरिका अलग होता है


कुछ लोग देखते देखते कब अपने

बन जाते हैं पता ही नहीं चलता

कब अपने पराए हो जाते हैं

वो भी पता नहीं चलता


रोज के इस भाग दौड में

रिश्ते कमजोर पड गए

कौन अपना है और कौन पराया

पता ही नहीं चलता

पर जब एक दूसरे को अपना कहते हैं

हर रिश्ता बदल जाता है

अनकहे रिश्ते ऐसे ही तो बनते हैं आखिर !


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