रास्ते का पत्थर
रास्ते का पत्थर
आज फिर हमको ठोकर लगाई है,
जैसे जाने की नई राह बताई है।
हम तो चल दिए नए मोड़ पर,
वो आज भी खड़े उसी छोर पर।
हमने ठोकर को उनकी नमन कर लिया,
दर्द को भी हमने दफन कर लिया।
आज भी वो पथ से भटके हुए हैं,
बनके पत्थर वो पथ में जकड़े हुए हैं।
