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deepshikha divakar

Classics Inspirational

4.1  

deepshikha divakar

Classics Inspirational

राष्ट्रीय सुरक्षा

राष्ट्रीय सुरक्षा

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राष्ट्र की जब करनी हो रक्षा,

तो कहलाए वो राष्ट्रीय सुरक्षा।

खतरा सिर्फ पड़ोसी से नहीं,

देश में भी नफरत है कहीं।


बाहर के शत्रु से तो हम भिड़ जाएंगे,

घर का विभीषण ना पहचान पाएंगे।

सीमा पर अब डर नहीं,

बात है ये सो तका सही।


कुछ बदलाव लाने होंगे,

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे।

सिर्फ सैनिक और पुलिस की

नहीं ये जिम्मेदारी

अब तो है हर नागरिक की बारी।


जात पात से बाहर आओ,

राष्ट्र गान सब मिलकर गाओ।

देश हित में तत्पर रहना होगा,

वन्दे मातरम कहना होगा।


कोई बेटी बचाओ,

कोई हादसे बचाओ,

कोई दंगे रोको 

कोई अपराध को रोको

कोई ग़लत बात पे टोको

यूं ही मिलकर हम राष्ट्र संजो लेंगे

राष्ट्र सुरक्षा को सही पर्याय देंगे।


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