राष्ट्रीय एकता
राष्ट्रीय एकता
भारत में सब एक समान,
क्या हिन्दू क्या मुसलमान,
धर्म के नाम पे बाँटा सबको...
खो गई है सबकी पहचान।
दिन ना पूँछे रात न पूँछे,
जीव जंतु कोई जात न पूँछे,
बन गए हैं हम सब नादान...
खो गई है सबकी पहचान।
जात न पूँछे कभी प्रभात,
न पूँछे है किसकी रात,
एक कुटुम्ब के रहने वाले...
पेड़ न पूँछे किसकी पात।।
