रास में परम आनंद
रास में परम आनंद
घनन घनन घुंघरवा बाजत है,
राधा के संग श्याम भी नाचत है।।....
मधुर मधुर शोर पवन करत है ,
शीतल यमुना जल भी बहत है।
मीठी मधुरी तानें गुंजत है,
ता थै तत थै नृत्य करत है।
घनन धनन धुंघरवा बाजत है ।।.....
धाधा कीटधा तीरकीट धूम मृदंग बजत है,
ताल के संग संग झांझ सजत है।
तालियों के नाद से अंबर गाजत है,
धरती धम धम करके नाचत है।
घनन घनन थुंघरवा बाजत है।।....
अति आनंद से रास जमत है,
परम आनंद में सब डूबत है।
"मुरली" मधुर सूर नाद बाजत है,
यमुना तीर पर मंगल छावत है।
घनन घनन घुंघरवा बाजत है।।....
