रानी लक्ष्मीबाई की वीरता
रानी लक्ष्मीबाई की वीरता
नाम था मणिकर्णिका,
मनु के नाम से जानी गई,
बचपन बीता हथियारों संग,
सूरज- सा तेज मुख पर जिसके,
कुशलता का परिचय थी रानी लक्ष्मीबाई I
बचपन में हुआ विवाह,
गंगाधर की अकाल मृत्यु आई,
तब झांसी पर कब्जा करने ,
अंग्रेजों का विशाल दल था आया,
अंग्रेजों से लड़ने के लिए उठा ली तलवार,
बहादुर की मिसाल थी रानी लक्ष्मी बाई I
रानी थी वह अकेली,
शत्रु थे उसके बहुत सारे,
हो रहे थे चारों ओर से वार पर वार,
परंतु हार नहीं मानी उसने,
बहादुरी की नई कहानी थी रानी लक्ष्मीबाई I
पूरी ताकत से लड़ी ,
उसे देख अंग्रेजों ने दांतो तले उंगली दबाई,
दामोदर को पीठ पर बांधे,
वीरता पूर्वक लड़ती रही झांसी के लिए,
भीड़ गई अकेली वह अंग्रेज़ों से,
ऐसी दृढ़ निश्चय थी रानी लक्ष्मीबाई I
घिर गई चारों ओर से,
घोड़ा उसका हो गया था घायल,
झांसी के लिए किया बलिदान,
वीरगति उसने पाई थी,
इतिहास के पन्नों में लिखा है उसका नाम,
ऐसी जिंदा दिल थी रानी लक्ष्मीबाईI