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Ajay Singla

Classics

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Ajay Singla

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रामायण ६८ - लवणासुर वध

रामायण ६८ - लवणासुर वध

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चतुरंगिणी सेना और दो पुत्रों को 

शत्रुघ्न चले वहां से लेकर 

जाकर लवणासुर को घेरा 

गरजता आया वो वहां पर| 


मातंग और अखंडकेतु नाम के 

लवणासुर के थे दो पुत्र 

वो भी उसके साथ में आये 

शत्रुघ्न पुत्रों से लड़ें वो| 


सुबाहु और यूपकेतु थे 

शत्रुघ्न के दो योद्धा पुत्र 

लवणासुर के पुत्रों को मारा 

युद्ध में उनको दिया था उतर| 


बेटों का वध सुना लवणासुरने 

क्रोध में वो रचे था माया 

शत्रुघ्नने बाण छोड़ कर 

काटी माया, था उसे भगाया| 


कैटभ नाम का एक राक्षस 

लवणासुर के साथ था आया 

शत्रुघ्नने लवणासुर मारा 

सुबाहुने कैटभ को गिराया| 


दो उत्तम नगर बसाये

एक मथुरा, एक विशव नाम दिया

सुबाहु को मथुरा का राज्य दिया 

विशव यूपकेतु को सौंप दिया| 


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