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SANDIP SINGH

Inspirational

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SANDIP SINGH

Inspirational

राम का वापस आना

राम का वापस आना

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राम _राम _राम _राम _राम _राम _राम,

आज सब ही बोले खुशी से जय श्री राम।


जन _जन के आंखों के तारा,

हर सांसों के प्रवाह राम ही हैं।


दीप जले _दीप जले_दीप जले _दीप जले,

भगवान राम के आगमन पर आज दीप जले।


अयोध्या नगरी ही नहीं पूरी धरा ही आज,

खुशियों से नव जोश में दीवाली मनायेंगे।


अपने प्यारे राम_अपने दुलारे राम,

सत्य के प्रतीक हैं भगवान राम।


हर सीने में बसे हैं जय श्री राम,

राम नाम के सब ही अधिकारी हैं।


बालक_वृद्ध_युवा_नर_नारी,

सबके हृदय बसते हैं श्री राम।

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दर_दर जंगल भटके बड़े कष्ट उठाए,

दुराचारियों का संहार किए धर्म बचाए।


ऋषि _मुनियों को राक्षसों के,

अत्याचारों से मुक्त कराए।


माता सबरी और माता अहिल्या का,

इन्तजार खत्म हुआ उद्धार हुए।


अहंकार में चूर राक्षस रावण का,

भी अन्त कर न्याय स्थापित किए।


राम से ही सारा जग प्रकाशित है,

राम से ही बंधुता_स्नेह और प्यार है।


भारत के चौमुखी प्रगति में,

श्री राम के ही कृपा बसते हैं।


राम संग आज दीवाली मनायेंगे,

माता लक्ष्मी को भी सब मनायेंगे।



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