Rashmi Sahu

Abstract

4.7  

Rashmi Sahu

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राखी

राखी

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राखी आयी राखी आयी

संग अपने ढेरो खुशियां लायी 

भैया के लिए बहना रंग बिरंगी राखी लाई

मिठाइयों दीपों से खुशियों की थाल सजाई

ब्याही बहने भी राखी में घर आई

संग अपने खुशियों का तोह्फा लाई

बहना को देख भैया की आंख नम हो अाई 

बहना की  आंखे खुशी से भर आई

दोनों के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान अाई

राखी से सजी थाल खुशियों से जगमगाई

 भैया ने कलाई पर खुशियों की डोर बंधवाई

बड़ी बहना ने प्यारे भैया की ली बलाई

छूटकी अपने तोफे के लिए दौड़ी चली आई

भैया ने उसके तोह्फे में ढेरों आशीष है छुपाई

भैया को बहना ने बड़े प्यारे से खिलाई मिठाई

सबकी होठों में एक प्यारी मुस्कान है आई

चारो ओर खुशियों की लहर छाई

घर के आंगन में जैसे बचपन फिर लौट  आई

 हम बहनों की विदाई की रीत सदा चली आई

पर प्यारे भैया मेरे हमें कभी ना करना तुम पराई

राखी आई राखी आई 

संग अपने ढेरो खुशियां लाई।


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