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Rashmi Sahu

Others

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Rashmi Sahu

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बारिश में छुपी खुशी की बूंदे

बारिश में छुपी खुशी की बूंदे

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गगन में मंडराया बादलों का साया 

देखो, चारों ओर घना अंधेरा छाया 


बादलों की तेज गरजन से सबका मन  है घबराया

गरजन ने सबके मन को डराया पर मयूरों को ये  है भाया


लगे मोर मोरनी अपने धुन में नाचने गाने 

मानो जैसे सबके डरे मन को हो लगे सहलाने 


गगन में फिर बादल घिर आया

देखो चारों और घना अंधेरा छाया


बादल भी कहां अकेला आया 

संग अपने बारिश की बूंदे लाया


देख इन्हे सूखी पड़ी धरती का मन रम आया 

कब से झुलसे इसके हृदय को जैसे चैन आया 


बादलों ने भी धरती पर अपना प्रेम खूब बरसाया 

संग लाए बारिश की बूंदों से धरती को भिगाया 


रिमझिम रिमझिम बारिश की बूंदे धरती पर बरसती

सौंधी मिट्टी की महक हवा खुद में घोलने को तरसती


घोले सौंधी सी महक खुद में हवा अब खूब इतराती

पत्तों पर जमी बारिश की बूंदों को धरती पर गिराती


पेड़- पौधों के मन को भी ये बारिश बड़ी रास है आती

मुरझाए इनके मन में ख़ुशियों की आस है जग आती

 

बारिश की बूंदे धारा बनकर जब बहती गलियों में

नन्हे नन्हे बच्चों की ख़ुशियाँ झलकती तालियों में


नन्हे - मुनहे बच्चे लगते कागज़ की नाव बनाने 

ख़ुशियाँ मिल जाती है उन्हें बारिश के बहाने 


बड़ों को भी अपना बचपन  याद है आता 

बच्चों की ख़ुशियाँ उनके मन को बड़ा है भाता


बारिश की बूंदों की बौछार सबको ऐसे लुभाती है

जैसे मां के पकोड़े की महक सबको खींच ले आती है


घर के आंगन में सब मां के पकौड़े खाने को इकट्ठे होते है

सबके मन में ये बारिश की बूंदे खुशी की बीज बोते है


बारिश का आनंद सबको सबके संग आया

देखो बादल अपने संग ख़ुशियों का गर्जन लाया


गगन में ख़ुशियों का बादल फिर मंडराया

बादलों की गर्जन से अब मन नहीं घबराया


गगन में देखो फिर बादल घिर आया

खुशियां भी  सबकी अपने संग लाया 

गगन में देखो फिर बादल मंडराया 



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