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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Abstract

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रिपुदमन झा "पिनाकी"

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राखी

राखी

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रेशम की डोरी कुमकुम का टीका

आशीष और प्रेम इसमें बहन का,

बंधन नहीं.....तार ये है दिलों का

राखी है त्यौहार भाई - बहन का,

कच्चे से धागे में पक्का सा रिश्ता

धागा है अनमोल मंहगा न सस्ता,

एक एक बंधन में एक एक आशा

सुरक्षा और सम्मान की अभिलाषा,

रहें दूर हम - तुम रहें पास चाहे

चाहे अलग हो कभी अपनी राहें,

बांधे रहे डोर राखी की हमको

न तोड़े कभी डोर राखी की हमको।



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