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Ranjana Mathur

Inspirational

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Ranjana Mathur

Inspirational

प्यारा भारत देश मेरा

प्यारा भारत देश मेरा

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युगों-युगों से जगत् गुरु है, भारत का सुन्दर परिवेश। 

आदिकाल से विजय दुंदुभि, बजा रहा है भारत देश।। 

धर्म और विज्ञान का उद्भव, भारत है यह बिसर न जाएं। 

प्यारे भारत देश के वैभव का, परचम फिर से लहराएं।। 


देश असंख्य हैं विश्व में लेकिन, भारत है सबका सम्राट। 

उत्तर में उत्तुंग हिमालय, दक्षिण में है जलधि विराट।। 

अद्भुत अनुपम अतुलनीय, इस भव्य देश की गाथा गाएं। 

प्यारे भारत देश के वैभव का, परचम फिर से लहराएं।। 


वेदों की ये श्लोक ऋचाएं, अमिय सुधा दे सत्संस्कार।

गंगा यमुना माता सम, सरिताएं दें शुचि सलिल की धार।। 

इस अमूल्य निधि के सम्मुख, व्यर्थ जगत की सम्पदाएं।

प्यारे भारत देश के वैभव का, परचम

फिर से लहराएं।।


शौर्य सदा जिस देश का दीपक, और विजय वर्तिका जिसकी।

कोई तिमिर भी रोक सका न,दिप दिप उज्ज्वल हस्ती उसकी।।

दैदीप्यमान भारत प्रकाश से, अखिल सृष्टि हम जगमगाएं।

प्यारे भारत देश के वैभव का, परचम फिर से लहराएं।।


भारत के जांबाजों की सुनते थे, शौर्य मयी हम गाथा। 

वे सुभट वीर रण आंगन में, भारत माँ को टेके थे माथा।। 

थर्राता था काल भी जिनसे, डरती थीं जिनसे बलाएं।

प्यारे भारत देश के वैभव का परचम फिर से लहराएं।।


गर यही दृढ़ संकल्प रहा तो, वह दिन दूर नहीं हैं भैया। 

शीघ्र ही भारत देश बनेगा, पुनःएक दिन “सोन चिरैया”।।

आओ हम इस महाभूमि का, विश्व से परिचय पुनःकराएं।

प्यारे भारत देश के वैभव का परचम फिर से लहराएं।। 



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