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और आज लगता हैं सच कहा है कहने वाले ने...भी और आज लगता हैं सच कहा है कहने वाले ने...भी
न जाने कौन सी सभ्यता में मानव एक स्त्री के मन की व्यथा को समझ पाएगा ..... न जाने कौन सी सभ्यता में मानव एक स्त्री के मन की व्यथा को समझ पाएगा .....
तुम तो बहुत व्यस्त हो आजकल बात ही नहीं करती तुम तो बहुत व्यस्त हो आजकल बात ही नहीं करती
पर मै जल रहा हूं....याद में और हमेशा जलता रहूंगा इस विरह की आग में.... पर मै जल रहा हूं....याद में और हमेशा जलता रहूंगा इस विरह की आग में....
बात कोई नई नहीं है ,जो स्त्री आज अचानक से बलिदान देने लगी है! बात कोई नई नहीं है ,जो स्त्री आज अचानक से बलिदान देने लगी है!