क्या मै अपनी कहानी लिख सकती हूं?
क्या मै अपनी कहानी लिख सकती हूं?
हम्म......!
ट्रिं ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन........ (अलार्म बजता है)
हर रोज की तरह , अपने शरीर से जंग करते हुए बुलबुल सुंदर सपनों की दुनिया से डरावने सच के संसार में कदम रखती है.. अह म्म आह.....ये दर्द मानो ऐसा लगता है आज पीठ के साथ जान भी चली ही जाएगी...( दर्द में करहाते हुए पलंग से सहारा ले उठने की कोशिश करती है)..... हे भगवान ....मुझसे कोई गलती हुई है क्या ....इतना दर्द मुझे ही क्यू.?(और भगवान से लड़ते हुए अपने काम में लग जाती है..)
कल से किराया बढ़ा दूंगी सुन लो तुम लोग ....जिसको जाना है एक महीने पहले बता के चला जाए।
यूपीएससी टॉपर का इंटरव्यू सुना? इस बार तुम्हारे यहां से भी एक निकला है..? तुम्हारी तैयारी कैसी चल रही है? कोचिंग की फीस हम भर सकते है ....पढ़ना तो तुम्हें है...
जब एमपीपीएससी नहीं निकला तो यूपीएससी में क्या करोगी....दिन भर बस फोन फोन....
तुम्हारे साथ के बच्चे सब जॉब करने लगे.... एक साल और फिर शादी कर देंगे....एक साल पढ़ लो......
एमएससी भी जरूरी है...गोल्ड मेडल लाना है एमएससी में ...........
तुम तो बहुत व्यस्त हो आजकल बात ही नहीं करती.....तुमने ऐसा कैसे कहा ......जवाब नहीं देती बहुत घमंड है........ बहुत बदल गई हो....
नया कमरा देख लो ये खाली कर देना 31 को....
हम्मम.........
वो हर शाम इन सब बातों से अकेले लड़ती है.... लड़ती है अपनी उस बीमारी से उस दर्द से जो शायद देखने वालों के लिए एक मज़ाक से ज्यादा और कुछ नहीं........
मुश्किल होता है अपने गम को छिपा के मुस्कुराना.....सबसे मुश्किल ! ऐसे में कुछ लोग थे जो समझते थे जिसे वो अपना कहती थी....और जो नहीं समझे वो कभी उस के अपने थे ही नहीं ......खैर अपनी अपनी जिंदगी की जंग सबको अकेले लड़नी होती है....सो वो भी मुस्कुरा के भगवान का हाथ थाम के बस पीछे ना देखने की कोशिश कर रही है......करती रहेगी....!
