बेशक दिल को चुन लो
बेशक दिल को चुन लो
दिल कमजोर पड़ जाए कभी तो
शायद चेहरा लोगों को बता देता है
इसलिए चेहरे पर गम दिख ना पाए
हर राज दिल खुद में छुपा लेता है
ये सच है कि दर्द दिल में होता है तो
चेहरे को और हंसाया जाता है
दिल को पता है कि चेहरा दिखा कर
बेवकूफ कैसे बनाया जाता है
तब क्यों ना तुम भी याद रखो कि
हंसता हुआ चेहरा भी गम में रहता होगा
कोई आकर थोड़ा सा ही प्यार दे दे
शायद उसका दिल भी यही कहता होगा
दिल को कोई फर्क नहीं पड़ता
वो जानता है कि दिखावा
दिखाकर आखिर क्या होता है?
पर चेहरा फरेब है क्योंकि उसे पता है
कि दिखावा क्या होता है!
इसलिए चेहरे पर मत जाओ
दिल की बात सुन सको तो सुन लो
चेहरे और दिल में से किसी को चुनना हो तो
बेशक तुम दिल को ही चुन लो!