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Kiren Babal

Drama

1.8  

Kiren Babal

Drama

प्यारा बचपन

प्यारा बचपन

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आह प्यारा बचपन।

घुटनो के बल चलता बचपन,

डग डग भरता,

चलता बचपन,


माँ की लोरियां

सुनता बचपन,

दूध मलाई-मक्खन पर

पलता बचपन,


बाप को घोड़ा बनाता बचपन,

तितलियों के पीछे भागता बचपन,

पतंगों सा इत उत

लहराता बचपन,


फूलों सा खिलखिलाता बचपन,

दोस्तों संग आँख

मिचौली करता बचपन !


बचपन की क्या बात कहें,

मेरा भी था एक प्यारा बचपन,

मस्ती में गुनगुनाता था बचपन,


मेरा वो पल पल बढ़ता बचपन,

जवानी से बुढ़ापे के

पायदान पे लाया बचपन,


मन में हसरत हर पल

बढ़ाता बचपन,

काश कि बचपन फिर से आए

आकर फिर वो कभी ना जाए ।



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